Comprehension: | ||
रुदन में कितना उल्लास, कितनी शान्ति, कितना बल है । जो कभी एकान्त में बैठकर, किसी की स्मृति में, किसी के वियोग में, सिसक – सिसक और बिलख – बिलख नहीं रोया, वह जीवन के ऐसे सुख से वंचित है, जिस पर सैकड़ों हँसियाँ न्यौछावर हैं । उस मीठी वेदना का आनंद उन्हीं से पूछो, जिन्होंने यह सौभाग्य प्राप्त किया है । हंसी के बाद मन खिन्न हो जाता है आत्मा क्षुब्ध हो जाती है, मानो हम थक गये हों, पराभूत हो गये हों रुदन के पश्चात एक नवीन स्फूर्ति, एक नवीन जीवन, एक नवीन उत्साह का अनुभव होता है । | ||
SubQuestion No : 10 | ||
Q.10 | लेखक के अनुसार रुदन हँसी से अच्छा है क्योंकि? | |
Ans | A. रुदन से एक नवीन स्फूर्ति, नवीन उत्साह का अनुभव होता है। | |
B. रुदन से मीठी वेदना का अनुभव होता है । | ||
C. रुदन से हम दूसरों की सहानुभूति प्राप्त करते हैं । | ||
D. रुदन से वियोग का दुख कट जाता है । |
Correct Ans: A